लगता है पत्रकार चन्द्रिका राय हत्या कांड में पुलिस कोई ठोस जानकारी न देकर केवल आँख मिचोली कर रही है ,कभी पुलिस कहती है अपराधी गिरफ्त में है ,कभी कहती है गिरफ्तार अपराधी हत्या कांड के न होकर अपहरण कांड के है आखिर हो क्या रहा है --क्या कहती है पुलिस ---पत्रकार हत्याकांड बना रहस्य-------उमरिया में पुलिस अधीक्षक मनोहरसिंह जामरा के प्रेस रिलीज के मुताबिक पत्रकार चंद्रिका राय व उनके परिवार की हत्या के तार 15 फरवरी को हुए सब-इंजीनियर के बेटे अन्नत झारिया के अपहरण कांड से जोड़े गए हैं।इस अपहरणकांड में अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग की थी। अपहर्ताओं पर जब पुलिस ने दबाव बनाया तो वे 16 फरवरी की शाम को अनन्त को ब्यौहारी स्टेशन पर छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने ब्यौहारी स्टेशन मास्टर की सूचना पर अनन्त को बरामद कर उसे उसके पिता को सौंप दिया । इस अपहरकांड में प्रयुक्त मोबाइल का पुलिस पता लगा ही रही थी कि पत्रकार चंद्रिका राय व उसके परिवार की हत्या करने की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस ने मोबाइल के आधार पर अपहरण कांड के आरोपियों को पकडऩा चाहा तो उनके नाम होमगार्ड सैनिक विद्यानिवास तिवारी, अमित सिंह, सुनील, मनीष कोरी, हरेंद्र सिंह व राज के नाम सामने आए। इनसे जब पूछताछ की गई तो इन आरोपियों में से अपहरणकांड का मास्टर माइंड होमगार्ड सैनिक विद्यानिवास तिवारी ने कबूल किया कि चंद्रिका राय की हत्या भी हमने की है। वह हमें ब्लैकमेल कर रहा था, चंद्रिका का कहना था कि फिरौती की जो रकम तुम लोगों ने सब-इंजीनियर से ली है उसमें से मुझे भी हिस्सा दो, नहीं तो तुम लोगों को में एक्सपोज कर दूंगा।अपहरण और हत्याकांड के मास्टर माइंड विद्यानिवास तिवारी ने हत्याकांड में पांच लोगों के शामिल होने की बात कबूली है। इसमें से दो आरोपी विद्यानिवास तिवारी और अमित सिंह हैं, शेष तीन अन्य आरोपी हैं, जो फरार हैं।
डीजीपी ने कहा पत्रकार हत्याकांड में अभी कोई साक्ष्य नहीं मिले---------उमरिया के पत्रकार चंद्रिका राय हत्याकांड मामले में जिला पुलिस और पुलिस के प्रदेश प्रमुख के बयानों में विरोधाभास सामने आया है। इन बयानों ने एकबार फिर नया विवाद झेड़ दिया है। उमरिया पुलिस ने बकायदा अपने पुलिस कप्तान मनोहरसिंह जामरा के हस्ताक्षर किया हुआ प्रेस रिलीज तक जारी कर दिया है। इधर, प्रदेश के पुलिस प्रमुख एसके राउत ने कहा है कि पत्रकार हत्याकांड में कई बातें सामने आ रही हैं लेकिन अभी कोई सबूत नहीं मिल पाया है जिसके आधार पर कहा जा सके कि हत्याकांड का खुलासा कर लिया गया है।
डीजीपी एसके राउत ने दो टूक कहा है कि उमरिया में एसटीएफ प्रमुख संजय चौधरी और लोकल पुलिस के अधिकारी इस हत्याकांड की जांच कर रहे हैं। अभी कोई सबूत हाथ नहीं लगा है। डीजीपी से सवाल किया गया कि उमरिया पुलिस तो कह रही है कि हत्याकांड में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है उन्होंने जुर्म भी कबूल कर लिया है, इस पर डीजीपी ने साफ कहा कि आरोपी के कहने भर से यह मान लेना कि हत्या इन्हीं ने की है, गलत होगा। जब तक कि आरोपी के बयानों की पुष्टि करता कोई सबूत हाथ न लग जाए। अभी एसडीएफ के प्रमुख संजय चौधरी, लोकल पुलिस के साथ मिलकर हत्याकांड के संबंध में जो बातें सामने आ रही हैं उसका लिंकअप कर रहे हैं। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
डीजीपी एसके राउत ने दो टूक कहा है कि उमरिया में एसटीएफ प्रमुख संजय चौधरी और लोकल पुलिस के अधिकारी इस हत्याकांड की जांच कर रहे हैं। अभी कोई सबूत हाथ नहीं लगा है। डीजीपी से सवाल किया गया कि उमरिया पुलिस तो कह रही है कि हत्याकांड में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है उन्होंने जुर्म भी कबूल कर लिया है, इस पर डीजीपी ने साफ कहा कि आरोपी के कहने भर से यह मान लेना कि हत्या इन्हीं ने की है, गलत होगा। जब तक कि आरोपी के बयानों की पुष्टि करता कोई सबूत हाथ न लग जाए। अभी एसडीएफ के प्रमुख संजय चौधरी, लोकल पुलिस के साथ मिलकर हत्याकांड के संबंध में जो बातें सामने आ रही हैं उसका लिंकअप कर रहे हैं। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।