Saturday, January 8, 2011

h

lal salam .................se mukti kab.........aur kaise.......



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अंक ज्योतिष

अंक ज्योतिष (Numerology)
 संसार में ज्योतिष की कई शाखाऎं (Branches Of Astrology) हैं, जिनमें से अंक ज्योतिष भी एक है. सामान्यतय ज्योतिष में ग्रहो का प्रभाव कार्य करता है. प्रत्येक ग्रह किसी न किसी नम्बर से जुडा हुआ है या हुम इस प्रकार भी कह सकते हैं कि कोइ एक नम्बर किसी ग्रह विशेष का प्रतिनिधित्व करता है,

जैसे कि 1 नम्बर सूर्य (1 Number of Sun), 2 नम्बर चन्द्र (2 Number of Moon) तथा 9 नम्बर मंगल (9 Number Of Mars) या इत्यादि. नम्बर 1 से 9 तक ही लिए जाते हैं. 0 को इसमें सम्मिलित नही किया गया है. ग्रह भी 9 ही होते हैं, अतः प्रत्येक ग्रह का एक विशेष अंक है. पाश्चात्य अंक ज्योतिष (Numerology) सात ग्रहो के अलावा नैपच्यून व यूरेनस को क्रमशः आठवाँ व नौवा ग्रह मानता है. जबकि भारतीय अंक ज्योतिष राहु-केतु को आठवें एंव नवें ग्रह के रुप में लेता है. भारतीय एंव पाश्चात्य अंक ज्योतिष के फलादेश (Jyotish Phaladesh) कथन में थोडा सा अन्तर रहता है.

अब हम अंक ज्योतिष विज्ञान के कार्य करने के तरीके (Method Of Numerology) की विवेचना करेंगे. वैसे तो अंक ज्योतिष में बहुत सारी परिभाषाएँ सामने आती हैं, परन्तु हम इसमें मुख्य रुप से दो परिभाषाओ मूलांक (Root Number/ Ruling Number) तथा भाग्यांक (Fadic Number) की ही चर्चा करेंगे. किसी भी व्यक्ति की जन्म तारीख उसका मूल्यांक होता है. जैसे कि 2 जुलाई को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होता है तथा 14 सितम्बर वाले का 1+4 = 5. तथा किसी भी व्यक्ति की सम्पूर्ण जन्म तारीख के योग को घटा कर एक अंक की संख्या को उस व्यक्ति विशेष का भाग्यांक( Bhagya Anka) कहते हैं, जैसे कि 2 जुलाई 1966 को जन्मे व्यक्ति का भाग्यांक 2+07+1+9+6+6= 31 = 3+1= 4, होगा. मूलांक तथा भाग्यांक स्थिर होते हैं, इनमें परिवर्तन सम्भव नही. क्योंकि किसी भी तरीके से व्यक्ति की जन्म तारीख बदली नही जा सकती.

व्यक्ति का एक और अंक होता है जिसे सौभाग्य अंक (Destiny Number/ Lucky Number) कहते हैं. यह नम्बर परिवर्तनशील है. व्यक्ति के नाम के अक्षरो के कुल योग से बनने वाले अंक को सौभाग्य अंक कहा जाता है, जैसे कि मान लो किसी व्यक्ति का नाम RAMAN है, तो उसका सौभाग्य अंक R=2, A=1, M=4, A=1, एंव N=5 = 2+1+4+1+5 =13 =1+3 =4 होगा. यदि किसी व्यक्ति का सौभाग्य अंक उसके अनुकूल नही है तो उसके नाम के अंको में घटा जोड करके सौभाग्य अंक (Saubhagya Anka) को परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे कि वह उस व्यक्ति के अनुकूल हो सके. सौभाग्य अंक का सीधा सम्बन्ध मूलांक से होता है. व्यक्ति के जीवन में सबसे अधिक प्रभाव मूलांक का होता है. चूंकि मूलांक स्थिर अंक होता है तो वह व्यक्ति के वास्तविक स्वभाव को दर्शाता है तथा मूलांक का तालमेल ही सौभाग्य अंक से बनाया जाता है.

व्यक्ति के जीवन में उतार-चढाव का कारण सौभाग्य अंक होता है. उदाहरण के लिए मान लो कि हम किसी शहर में जाकर नौकरी/ व्यवसाय करना चाहते हैं, तो हमें उस शहर का शुभांक (Shubha Anka) मालूम करना होगा फिर उस शुभांक को स्वंय के सौभाग्य अंक से तुलना करेंगे. यदि दोनो अंको में बेहतर ताल-मेल है अर्थात दोनो अंक आपस में मित्र ग्रुप के है तो वह शहर आपके अनुकूल होगा, और यदि दोनो अंक एक दूसरे से शत्रुवत व्यवहार रखते हैं तो उस शहर में आपके कार्य की हानि होगी. अब हमारे सामने दो विकल्प हैं, एक तो हम उस शहर विशेष को ही त्याग दें तथा अन्य किसी शहर में चले जायें, यदि एसा करना सम्भव न हो तो दूसरे विकल्प के रुप में हम अपने नाम के अक्षरो में इस प्रकार परिवर्तन करें कि वो उस शहर विशेष से भली भांति तालमेल बैठा लें. यही सबसे सरल तरीका है.

इस प्रकार हम अंक ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन को सुखी एंव समृद्ध बना सकते है एंव दुख व कष्टो को कम कर सकते हैं.

शनि साढेसाती के तीन चरण


शनि साढेसाती (Shani Sade Sati) में शनि तीन राशियों पर गोचर करते है. तीन राशियों पर शनि के गोचर को साढेसाती (Shani Sade Sati) के तीन चरण के नाम से भी जाना जाता है. अलग- अलग राशियों के लिये शनि के ये तीन चरण अलग - अलग फल देते है. शनि कि साढेसाती के नाम से ही लोग भयभीत रहते है.

जिस व्यक्ति को यह मालूम हो जाये की उसकी शनि की साढेसाती चल रही है, वह सुनकर ही व्यक्ति मानसिक दबाव में आ जाता है. आने वाले समय में होने वाली घटनाओं को लेकर तरह-तरह के विचार उसके मन में आने लगते है.

शनि की साढेसाती को लेकर जिस प्रकार के भ्रम देखे जाते है. वास्तव में साढेसाती का रुप वैसा बिल्कुल नहीं है. आईये शनि के चरणों को समझने का प्रयास करते है-

साढेसाती चरण-फल विभिन्न राशियों के लिये
साढेसाती का प्रथम चरण (first step of Shani Sade Sati) - वृ्षभ, सिंह, धनु राशियों के लिये कष्टकारी होता है. द्वितीय चरण या मध्य चरण- मेष, कर्क, सिंह, वृ्श्चिक, मकर राशियों के लिये अनुकुल नहीं माना जाता है. व अन्तिम चरण- मिथुन, कर्क, तुला, वृ्श्चिक, मीन राशि के लिये कष्टकारी माना जाता है.

इसके अतिरिक्त तीनों चरणों के लिये शनि की साढेसाती निम्न रुप से प्रभाव डाल सकती है-
प्रथम चरण First Step of Shani Sade Sati
इस चरणावधि में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है. आय की तुलना में व्यय अधिक होते है. विचारें गये कार्य बिना बाधाओं के पूरे नहीं होते है. धन विषयों के कारण अनेक योजनाएं आरम्भ नहीं हो पाती है. अचानक से धन हानि होती है. व्यक्ति को निद्रा में कमी का रोग हो सकता है. स्वास्थय में कमी के योग भी बनते है. विदेश भ्रमण के कार्यक्रम बनकर -बिगडते रह्ते है. यह अवधि व्यक्ति की दादी के लिये विशेष कष्टकारी सिद्ध होती है. मानसिक चिन्ताओं में वृ्द्धि होना सामान्य बात हो जाती है. दांम्पय जीवन में बहुत से कठिनाई आती है. मेहनत के अनुसार लाभ नहीं मिल पाते है.

द्वितीय चरण Second Step of Shani Sade Sati
व्यक्ति को शनि साढेसाती की इस अवधि में पारिवारिक तथा व्यवसायिक जीवन में अनेक उतार-चढाव आते है. उसे संबन्धियों से भी कष्ट होते है. व्यक्ति को अपने संबन्धियों से कष्ट प्राप्त होते है. उसे लम्बी यात्राओं पर जाना पड सकता है. घर -परिवार से दूर रहना पड सकता है. व्यक्ति के रोगों में वृ्द्धि हो सकती है. संपति से संम्बन्धित मामले परेशान कर सकते है.

मित्रों का सहयोग समय पर नहीं मिल पाता है. कार्यो के बार-बार बाधित होने के कारण व्यक्ति के मन में निराशा के भाव आते है. कार्यो को पूर्ण करने के लिये सामान्य से अधिक प्रयास करने पडते है. आर्थिक परेशानियां भी बनी रह सकती है.

तीसरा चरण third Step of Shani Sade Sati
शनि साढेसाती के तीसरे चरण में व्यक्ति के भौतिक सुखों में कमी होती है. उसके अधिकारों में कमी होती है. आय की तुलना में व्यय अधिक होते है. स्वास्थय संबन्धी परेशानियां आती है. परिवार में शुभ कार्यो बाधित होकर पूरे होते है. वाद-विवाद के योग बनते है. संतान से विचारों में मतभेद उत्पन्न होते है. संक्षेप में यह अवधि व्यक्ति के लिये कल्याण कारी नहीं रह्ती है. जिस व्यक्ति की जन्म राशि पर शनि की साढेसाती का तीसरा चरण चल रहा हों, उस व्यक्ति को वाद-विवादों से बचके रहना चाहिए.

ak chote se ghar ki kimat 1.37 caror


लंदन....................। 11 फीट लंबा और 5.5 फीट चौड़ा एक घर ब्रिटेन का सबसे छोटा घर है। इस घर की कीमत 2 लाख पाउंड यानी 1 करोड़ 37 लाख रुपये होने के बावजूद उसके मालिक का इसे बेचने का कोई इरादा नहीं है।

यह घर स्नूकर टेबल से भी छोटा है जो 12 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा होता है। 49 वर्षीय रे बार्कर ने बताया कि रियल एस्टेट एजेंटों ने इस छोटे से घर की कीमत 2 लाख पाउंड लगाई है। रे ने कहा, यह घर मुझे बाथ शहर से यहां नौकरी करने आने के सफर से बचाता है। इसमें दो कमरे हैं।

इसके साथ ही एक टॉयलेट और एक बाथरूम है, जो अलमारी का भी काम देता है। सोने के लिए मेरा फ्लैट बहुत आरामदायक है। मैं अपने सोफा-बेड पर लेटकर साफ सफाई करता हूं। यहां मैं सारे काम एक ही समय कर सकता हूं जैसे कि नहाना, किसी के आने पर दरवाजा खोलना, चाय बनाना और टॉयलेट जाना।

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लंदन................... 11 फीट लंबा और 5.5 फीट चौड़ा एक घर ब्रिटेन का सबसे छोटा घर है। इस घर की कीमत 2 लाख पाउंड यानी 1 करोड़ 37 लाख रुपये होने के बावजूद उसके मालिक का इसे बेचने का कोई इरादा नहीं है।

यह घर स्नूकर टेबल से भी छोटा है जो 12 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा होता है। 49 वर्षीय रे बार्कर ने बताया कि रियल एस्टेट एजेंटों ने इस छोटे से घर की कीमत 2 लाख पाउंड लगाई है। रे ने कहा, यह घर मुझे बाथ शहर से यहां नौकरी करने आने के सफर से बचाता है। इसमें दो कमरे हैं।

इसके साथ ही एक टॉयलेट और एक बाथरूम है, जो अलमारी का भी काम देता है। सोने के लिए मेरा फ्लैट बहुत आरामदायक है। मैं अपने सोफा-बेड पर लेटकर साफ सफाई करता हूं। यहां मैं सारे काम एक ही समय कर सकता हूं जैसे कि नहाना, किसी के आने पर दरवाजा खोलना, चाय बनाना और टॉयलेट जाना।

mamta

maali tum hi faisala kar do

अगर बहारें पतझड़ जैसा रूप बना उपवन में आएँ
माली तुम्हीं फैसला कर दो, हम किसको दोषी ठहराएँ ?

वातावरण आज उपवन का अजब घुटन से भरा हुआ है
कलियाँ हैं भयभीत फूल से, फूल शूल से डरा हुआ है
सोचो तो तुम, क्या कारण है दिल, दिल के नज़दीक नहीं है
जीवन की सुविधाओं का बँटवारा शायद ठीक नहीं है
उपवन में यदि बिना खिले ही कलियाँ मुरझाने लग जाएँ
माली तुम्हीं फैसला कर दो, हम किसको दोषी ठहराएँ ?

यह अपनी-अपनी क़िस्मत है कुछ कलियाँ खिलती हैं ऊपर
और दूसरी मुरझा जातीं झुके-झुके जीवन भर भू पर
माना बदक़िस्मत हैं लेकिन, क्या वे महक नहीं सकती हैं
अगर मिले अवसर, अंगारे-सी क्या दहक नहीं सकती हैं ?
धूप रोशनी अगर चमन में ऊपर-ऊपर ही बँट जाएँ
माली तुम्हीं फैसला कर दो, हम किसको दोषी ठहराएँ ?

काँटे उपवन के रखवाले अब से नहीं, ज़माने से हैं
लेकिन उनके मुँह पर ताले अब से नहीं, ज़माने से हैं
ये मुँह बंद, उपेक्षित काँटे अपनी कथा कहें तो किससे?
माली उलझे हैं फूलों से अपनी व्यथा कहें तो किससे?
इसी प्रश्न को लेकर काँटे यदि फूलों को ही चुभ जाएँ
माली तुम्हीं फैसला कर दो, हम किसको दोषी ठहराएँ ?

सुनते हैं पहले उपवन में हर ऋतु में बहार गाती थी
कलियों का तो कहना ही क्या, मिट्टी से ख़ुश्बू आती थी
यह भी ज्ञात हमें उपवन में कुछ ऐसे भौंरे आए थे
सारा चमन कर दिया मरघट, अपने साथ ज़हर लाए थे
लेकिन अगर चमन वाले ही भौंरों के रंग-ढंग अपनाएँ
माली तुम्हीं फैसला कर दो, हम किसको दोषी ठहराएँ ?

बुलबुल की क्या है बुलबुल तो जो देखेगी, सो गाएगी
उसकी वाणी तो दर्पण है असली सूरत दिखलाएगी
चूँकि आज बुलबुल पर गाने को रस डूबा गीत नहीं है
सारा चमन बना है दुश्मन कोई उसका मीत नहीं है
गाते-गाते यदि बुलबुल के गीत आँसुओं से भर जाएँ
माली तुम्हीं फैसला कर दो, हम किसको दोषी ठहराएँ ?

maati mere desh ki

शत्रुओं को सदा मुँहतोड़ देती है जवाब
किन्तु मित्र की है मित्र माटी मेरे देश की
भारत की रक्षा करें मौत से कभी न डरें
ऐसे देती है चरित्र माटी मेरे देश की
शौर्य की भी जननी है शान्ति की भी अग्रदूत
सचमुच है विचित्र माटी मेरे देश की
सीने से लगाओ चाहो माथे से करो तिलक
चंदन से भी पवित्र माटी मेरे देश की

माँ समान ममता की छाँव देती है सभी को
बाँटती असीम प्यार माटी मेरे देश की
अन्नपूर्णा समान आशीषों से पालती है
स्नेह का है पारावार माटी मेरे देश की
वीरता अखंड बुद्धि बल में प्रचंड और
पापियों पे है प्रहार माटी मेरे देश की
दुष्ट का दमन करे वीरों का सृजन करे
शक्ति स्रोत है अपार माटी मेरे देश की

क्रूर पापी देशद्रोहियों के बाजू बढ़ रहे
सह रही अत्याचार माटी मेरे देश की
काल सम झेलती है देखो आज दिन रात
बम गोली तलवार माटी मेरे देश की
अपनों की गद्दारी से हुई बेबसी में सुनो
युगों युगों से शिकार माटी मेरे देश की
शूरवीरों आगे आओ दुःख धरा का मिटाओ
आज करती पुकार माटी मेरे देश की