Tuesday, February 21, 2012

पत्रकार हत्याकांड के हत्यारे जल्द ही पकडे जायेंगे ....एडीजी एसटीएफ संजय चौधरी ----

ऐसे नपुसंको,कायरो ,मक्कारों ,गद्दारों और भाड़े के हत्त्यारो पर थूकते है हम ...........
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शायद वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिकाराय जी की हत्या करने वाले भाड़े के टट्टू जानते नहीं है  की कलम में कितनी ताकत और आग है किसी एक चंद्रिकाराय की हत्या कर लेने मात्र से माफियाराज या असामाजिक राज ,गुंडाराज कायम नहीं हो जायेगा ,बल्कि चंद्रिकाराय जी के हर खून के कतरे से हजारो चंद्रिकाराय जैसे जांबाज कलम के पहरेदार पैदा होंगे जो भाड़े के हत्त्यारो के वंश को मिटा ही नहीं देंगे बल्कि नेस्नाबुत कर देंगे ..... माफियाराज या असामाजिक राज ,गुंडाराज कायम रखने वालो ऐसी ओछी ,घटिया ,पशुता भरी , नपुसंक भरी नामर्दों वाली हरकते छोड़ो भारत में तुम उंगलियों में गिने जाने लायक ही हो क्योकि तुम्हारा कोई वजूद नहीं है ,तुम्हारी कोई शक्ल नहीं है, तुम्हारी कोई औकात नहीं है ,तुम्हारा कोई इमान नहीं है....तुम्हारा कोई आत्मसम्मान नहीं है ....लेकिन भारत माँ के पहरेदार कलम के सिपाहीयो की कमी नहीं है ....शायद भाड़े के ये टट्टू लोंग भूल जाते है की कलम के ये सिपाही अगर देश और समाज के पहरेदार है तो उतने ही सिरफिरे भी है जो केवल कलम ही चलाना नहीं जानते बल्कि .....................??? सारे भारत से कलम के सिपाही देश और समाज के लिए अपने फर्ज के लिए शहीद होने वाले वीर साहसी पत्रकार चंद्रिकाराय जी हत्या पर नम आँखों से भावभीनी श्रदांजली अर्पित करते है 
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अपहरण करने वाले गिरोह पर सबसे ज्यादा ध्यान --------प्रदेश के उमरिया जिले में पत्रकार चंद्रिका राय एवं उनके परिवार की हत्या की जांच स्पेशल टास्क फोर्स ने शुरू कर दी है। आधा दर्जन सदस्यों की एसटीएफ टीम ने हत्या के पीछे बिंदुओं पर ध्यान लगाया है। इसमें मुख्य कारण यहां हुए एक बच्चे के अपहरण का मामला है। अपहरण करने वाली गैंग का पता किया जा रहा है।
दो दिन पहले उमरिया में एक हिंदी दैनिक के ब्यूरो प्रमुख चंद्रिका राय, उनकी पत्नी दुर्गा, बेटे सजल एवं बेटी निशा की अज्ञात बदमाशों ने हत्या कर दी थी। इस जघन्य नरसंहार की जांच एसटीएफ ने शुरू कर दी है। भोपाल से एआईजी अखिलेश तिवारी एवं इंस्पेक्टर संजय शुक्ला समेत छह लोगों की टीम ने उमरिया थाने से केस डायरी लेकर जांच शुरू कर दी है। टीम ने मौके का मुआयना किया। इसमें यह बात सामने आई कि हत्यारे किसी हथियार से लैस होकर नहीं आए थे। उनकी बोलेरो जीप की निकली हुई कमानियों से ही बड़े नृशंस तरीके से हत्या की गई। हत्यारे पूरे परिवार को ही मारना चाहते थे। चारों मृतक अलग-अलग कमरे में थे एवं वहीं उनकी हत्या की गई। हत्यारे घर में कैसे घुसे यह जांच का विषय है क्योंकि राय के घर में मुख्य द्वार के अलावा कहीं दूसरी तरफ से अंदर जाने का रास्ता नहीं है। जांच टीम ने लोक निर्माण विभाग के एसडीओ हेमंत झारिया के बेटे अनंत का अपहरण करने वाले गिरोह पर सबसे ज्यादा ध्यान लगाया है। स्थानीय पुलिस द्वारा स्वयं के दबाव में अपहरणकर्ताओं द्वारा बच्चे को मुक्त करने की थ्यौरी को एसटीएफ ने नकार दिया है। टीम झारिया से पूछताछ कर रही है कि उनसे अपहर्ताओं ने कैसे संपर्क किया एवं किसके माध्यम से फिरौती दी गई। माना जा रहा है कि राय को इस गिरोह के बारे में भनक लग गई थी। इसके अलावा जांच में यह बात भी सामने आई कि राय के ऊपर दो लाख रुपए का कर्ज था एवं वे यह रुपया चुका नहीं पा रहे थे। तीसरा बिंदु कोल माफिया है। इसके अतिरिक्त एक शंका यह है कि कोई स्थानीय चोर गिरोह पहले से घुर में घुसा हो एवं उसे पहचान लेने के कारण उसने हत्या कर दी हो। एडीजी एसटीएफ संजय चौधरी कहते हैं कि उनकी टीम ने जांच शुरू कर दी है। जांच के लिए सभी विकल्प खुले रखें हैं। उन्होंने दावा किया कि हत्यारे जल्द पकड़े जाएंगे।
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माफियाओं को बेनकाब करते थे राय------प्रशासनिक अनदेखी और लचर कानून व्यवस्था के चलते मध्यप्रदेश का उमरिया जिला माफियाओं का गढ़ बन चुका है. नवभारत के ब्यूरो चीफ पत्रकार चन्द्रिका राय ने जब अवैध उत्खनन के खिलाफ समाचारों का प्रकाशन किया तो माफिया बौखला गया.
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महत्वपूर्ण बात यह है कि चार दिन बाद भी सामूहिक हत्याकाण्ड की गुत्थी पुलिस नहीं सुलझा पायी है. उसे अभी तक कोई पक्के सबूत नहीं मिले हैं. पत्रकार हत्या काण्ड के बाद समूचा उमरिया इलाका थर्राया हुआ है. यहां के लोग दहशत में है. गुण्डे और माफियाओं का राज आज भी कायम है. यहां के मिगहरी क्षेत्र में माफिया सक्रिय है. यह पूरा पहाड़ी इलाका है. डिंडोरी, शहपुरा रोड़ में पत्थर, मुरुम की खदानें चल रही हैं. बिरसिंहपुर पाली और नौरोजाबाद में कोयले की दुर्जनों खदानें संचालित हैं. मानपुर से सटे टेटका मोड़ मखीरा में रेत की तमाम खदानें बैखौफ चल रही है. करकेली जनपद और उजान जैसे प्रमुख इलाकों में रेत और कोयले का उत्खनन हो रहा है. जिले के वन क्षेत्र में भी माफिया अवैध उत्खनन कर रहा है. उमरिया से लगभग 32 किलोमीटर दूर बांधवगढ़ में ‘शिकार माफिया’ भी सक्रिय है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या पत्रकार व उसके परिवार को मौत की नींद सुलाने में खनिज, वनमाफिया या फिर बाहूवलियों का हाथ है? लेकिन पुलिस अभी तक किसी भी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजा तिवारी का कहना है कि अवैध उत्खनन में प्रशासन की रोक नहीं है. माफिया पैसे के दम पर अपना काम जारी रखे हुए है. माफिया दो एकड़ की जमीन को लीज पर लेकर पचासों एकड़ में खुदाई करता है. पत्रकार स्व. राय ने ऐसे लोगों के खिलाफ दिलेरी के साथ खबरें लिखी थीं. उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने यहां के वर्तमान प्रशासनिक अमले को बदलने की मांग की है।
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एसटीफ ने जब्त किये खून से लतपथ अखबार-----राजधानी भोपाल से उमरिया पहुंची स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की चार सदस्यी टीम ने पत्रकार हत्या काण्ड की जांच प्रारंभ कर दी है. टीम ने पत्रकार चन्द्रिका राय के घर में कौने- कौने की जांच की और खून से लतपथ अखबारों को जब्त कर लिया. टीम ने कपड़े भी जब्त किये. फिंगर प्रिंट भी लिये हैं. संदेह के आधार पर कई लोगों को पूछताछ के लिये उठाया गया है. एसटीएफ के लोग उन लोगों से भी मिल रहे हैं, जो लोग पत्रकार चन्द्रिका के नजदीकी थे.
हत्यारों पर 15 हजार का इनाम घोषित------चार लोगों की निर्दयतापूर्वक हत्या करने वाले आरोपियों पर पुलिस ने 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. एस.पी. उमरिया मनोहर सिंह जामरा ने नवभारत को बताया कि चार- पांच बिन्दुओं पर सघन जांच की जा रही है, जिसमें जमीन से जुड़े मामले भी हैं, पत्रकार चन्द्रिका के घर के सामने एक भूमि है, जिसे लेकर भी विवाद था.
सीआईडी की टीम भी उमरिया पहुंची--------हत्याकाण्ड की गुत्थी सुलझाने के लिये सरकार ने सीआईडी की टीम भी भोपाल से उमरिया भेजी है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सीआईडी की टीम भी जांच- पड़ताल में जुट गयी है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि मामले को जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा.
 नवभारत की स्टोरी पर सीएम ने रद्द की थी निविदा पत्रकार चंद्रिका राय ने 28 जनवरी वर्ष 2012 के अंक में कोल माफिया की करतूत का खुलासा अखबार में किया था. 30 जनवरी को कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष जयपाल राय ने भू-माफिया के खिलाफ आवाज बुलंद की थी, जिसका प्रकाशन ‘नवभारत’ में किया गया था. कोल माफिया के मामले में नौराजाबाद के नेता के खिलाफ खनिज विभाग ने मामला दर्ज किया था. इसी प्रकार 26 नवंबर वर्ष 2011 के ‘नवभारत’ के अंक में सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति पहुंचाने वाले खनिज अधिकारी ने बिना निविदा के ‘चहेतों को दी खदान’ नामक शीर्षक से पत्रकार चन्द्रिका ने बाई लाइन स्टोरी लिखी थी. खबर के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उमरिया आए थे. इस दौरान पत्रकारों के एक दल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा था. तब मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बात करने को कहा था. उन्होंने निविदा रद्द कर दी थी. पत्रकार स्व. राय ने किसानों की समस्या पर भी स्टोरी लिखी थीं. उन्होंने यह बात भी उजागर की थी कि खदान की दिशा बरबसपुर की ओर है, लेकिन वन सीमा से रेत निकाला जा रहा है. उन्होंने वन विभाग द्वारा सौ एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करने का भी खुलासा किया था.
जल्द पकड़े जाएंगे हत्यारे-सीएम-------- भोपाल. नभासं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि पत्रकार चंद्रिका राय उनकी पत्नी और दोनों बच्चों के हत्यारों को जल्द पकड़ा जाएगा.उन्होंने कहा कि राज्य में आपराधिक तत्वों पर सख्ती कर धरपकड़ की जाएगी. सीएम यहां शिवरात्रि पर्व पर बड़बाले महादेव मंदिर में पूजा करने के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे.उनसे शनिवार शाम की घटना के दो दिन बाद भी हत्यारों को नहीं पकड़े जाने के संबंध में सवाल पूछा गया था.गौरतलब है कि उमरिया जिले के नवभारत संवाददाता और उनके पूरे परिवार की हत्या की जांच स्पेशल टास्क फोर्स करेगी. इस हत्याकांड के विरोध में रविवार को उमरिया बंद रहा था.जबकि जिले के प्रभारी मंत्री जय सिंह मरावी के अलावा पुलिस महानिदेशक एसके राउत के साथ शहड़ोल रेंज के आईजी एपी सिंह और डीआईजी राजाबाबू सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया था. घटना से गुस्साए लोग कलेक्टर-एसपी को हटाने की मांग कर रहे हैं. जबकि मौके पर पहुंचे डीजीपी ने टीआई को हटाने के निर्देश दिए थे. इधर,पुलिस को अंदेशा है कि हत्याकांड में दो दिन पहले एक बच्चे का अपहरण करने वाले गिरोह का हाथ है.
हत्याकांड का कारण क्या?---------- राय और उनके पूरे परिवार की हत्या के पीछे मूल रूप से दो कारण माने रहे हैं. पहला कारण कोयला माफिया से जुड़ा समझा जा रहा है, जबकि पुलिस इसके पीछे दो रोज पहले हुए एक अपहरण कांड को देख रही है. लोक निर्माण विभाग के एसडीओ हेमंत झारिया के छह वर्षीय बेटे अनंत का अपहरण हो गया था और उसे अपहरणकर्ताओं ने फिरौती लेकर शहडोल जिले के ब्यौहारी में मुक्त किया था. पुलिस बदनामी से बचने फिरौती से इंकार कर रही है.जबकि आशंका है कि राय को सूत्रों से अपहरणकर्ताओं की जानकारी लग गई थी, जिसके चलते उन्हें मौत के घाट उतारा गया. इधर एसटीएफ से जांच करा रहे डीजीपी एस के राउत को उम्मीद है कि एसटीएफ जल्द ही हत्यारों को पकड़ लेगी.

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