Sunday, August 14, 2011

मेरे यहाँ आज राज ठीक १२ बजे ब्रम्ह कमल का फुल खिला है ---------


                                मै अपना सौभाग्य मानता हू की मेरे यहाँ आज राज ठीक १२ बजे ब्रम्ह कमल का फुल खिला है , ये हमारा सौभाग्य है की विगत १२ वर्षो से इस वक्त का हम इंतजार कर राहे थे , इतने वर्षो की हमारी तपस्या का परिणाम आज हमे मिला ऐसा मै मानता हु , मैंने भारत देश हमारा प्यारा देश खुशहाल बने ,सारे लोगो में देश भक्ति की भावना जागे , इस देश में सत्य की जीत हो , और हमारा भारत देश विश्व विजेता बने ,ऐशी कामना की है, मेरे सारे भारतवासी ,मेरे सारे दोस्त ,भाई ,बहन सभी की कुशलता की कामना की है ......




                        .ब्रम्ह कमल के बारे में कहा जाता है की ----ब्रम्हकमल जो सिर्फ़ शरद पूर्णिमा को खिलते है .  ब्रम्हकमल एक ऐसा पुष्प है जो सभी देवी देवताओं को अत्यन्त प्रिय है इसीलिए इसका बैदिक महत्त्व है .  केवल एक रात को ही खिलने वाला यह पुष्प शायद इन्ही गुणों के कारण दुर्लभ है . शरद पूर्णिमा को ब्रम्हकमल के पुष्प से लक्ष्मी जी की पूजा करने से श्री लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है . कहा जाता है कि जब राम रावण का युद्ध चल रहा था और युद्ध काफी लंबा खिचने से श्री राम काफी दुखी हो गए . रीछ जामबंत ने श्री राम को जगतजननी का अनुष्ठान करने की सलाह दी . भगवान प्रभु श्री राम ने प्रत्येक आहुति में समिधा के रूप में एक ब्रम्हकमल पुष्प अर्पित किया . जब अन्तिम ब्रम्हकमल बचता है तो जगतजननी उसे स्वयं उठा लेती है . प्रभु श्रीराम जब अन्तिम पुष्प नही पाते है तो अनुष्ठान भंग होने की आशंका से उनका मन खिन्न हो जाता है . तभी भगवान श्रीराम को याद आता है कि उन्हें उनकी माँ राजीवलोचन कहकर संबोधित करती है . भगवान श्री राम ने ब्रम्हकमल के स्थान पर अपने नेत्र अर्पित करने के लिए जब कटार उठाते है तभी माँ जगतजननी वहां प्रगट हो जाती है और श्री राम को विजयी भावः का आशीर्वाद देती है . शरद पूर्णिमा के रात्रि को इस दुर्लभ पुष्प को देखकर कई लोग सारी रात काट देते है .
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