क्या हम आजाद है ? क्या हमे सच कहने -बोलने का अधिकार है ? मै समझता हू आज हमारी स्तिथि १९४७ के पहले से भी बेकार और बद्दतर हो चूकी है , भारत की आज़ादी केवल कहने मात्र को है , जिस देश में सच कह सकने तक का अधिकार नहीं हो , आम आदमी को सच कहने से तक रोका जा सकता है तब बाकि आज़ादी के बारे में क्या कहा जा सकता है .....१९४७ से पहले हम गोरे अंग्रेजो के गुलाम थे ,और हम १९४७ के बाद अपने ही देश में देश के काले अंग्रेजो की गुलामी झेल रहें है .....आज अन्ना की गिरफ्तारी ने ये बता दिया है की हम कहने मात्र को ही आजाद है .......भारत माता की जय ....
No comments:
Post a Comment