Saturday, March 3, 2012

सुलझी हुई कहानी के क्यों है उलझे -उलझे तार------मामला चन्द्रिका राय हत्याकांड का ......पत्रकार चन्द्रिका राय हत्याकांड मामले में पुलिस कितनी सच और कितनी झूठ.....







पत्रकार चन्द्रिका राय हत्याकांड मामले में पुलिस कितनी सच और कितनी झूठ.....
१-कभी पुलिस ने कहा ,हत्यारे है अपहरण कांड से जुड़े हुए .....
२-कभी पुलिस ने कहा अपहरण मामले के मास्टर माँइंड थे चन्द्रिका राय इसीलिए हुई हत्या ...
३-कभी पुलिस ने कहा पडोसी होमगार्ड है चन्द्रिका राय का हत्त्यारा ....
४- कभी पुलिस ने कहा कुल ६ में से २ आरोपी है पुलिस की गिरफ्त में ........
५-कभी उमरिया के पुलिस कप्तान ने जारी किये अपने कथन कहा कुछ आरोपी है हमारे गिरफ्त में ...
६-कभी सेवानिवृत डी .जी .पी. श्री राउत ने कहा हमारे पास कोई सबूत नहीं ...
७- अब पुलिस कह रही है ड्राइवर है हत्त्यारा .........आखिर सच क्या है ....?
क्या इतने बड़े हत्याकांड को केवल एक आदमी अकेले ड्राइवर ने ही अंजाम तक पहुचाया ,या कुछ और बात है ....इस पुरे मामले में क्या कहती है पुलिस ............. उमरिया के पत्रकार चंद्रिका राय व उनके परिवार की हत्या के मामले में मप्र पुलिस खुद कटघरे में खड़ी दिख रही है। अबकी बार एसटीएफ व सीआईडी के एडीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि चंद्रिका की हत्या उनके ही ड्राइवर ने की थी। एसटीएफ ने आरोपी ड्राइवर के कब्जे से चंद्रिका के घर से लूटा गया 22 तोला सोना व नगदी बरामद कर लेने का दावा भी किया है। हालांकि, पुलिस अफसर हफ्ते भर पहले उमरिया पुलिस द्वारा इस मामले के तार अपहरण कांड से जोड़े जाने की बात का कोई जवाब नहीं दे पाए। वे इसका भी जवाब भी नहीं दे पाए कि मौत के बाद चंद्रिका के चरित्र हनन के लिए जिम्मेदार उमरिया के एसपी पर क्या कार्रवाई होगी?

एडीजी एसटीएफ संजय चौधरी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि चंद्रिका व उनके परिवार की हत्या उनके ही ड्राइवर रमेश यादव ने रुपयों के लिए की है। 17 फरवरी की रात रमेश, चंद्रिका के घर पर ही रुका था। जब चंद्रिका अपने कमरे में आराम कर रहे थे, तभी रमेश ने कार की कमानी के पट्टे से उनके सिर पर वार कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद अलग-अलग कमरों में सो रही चंद्रिका की पत्नी दुर्गा राय, पुत्र जलज और बेटी निशा की भी निर्मम हत्या कर दी।

हत्या के बाद रमेश, चंद्रिका की पत्नी के 22 तोला सोने के गहने व नगदी लूटकर फरार हो गया। इसके अलावा चंद्रिका के तीन एटीएम कार्ड भी वो अपने साथ ले गया। श्री चौधरी ने बताया कि चंद्रिका की हत्या की जांच में जुटी पुलिस को उसके बैंक स्टेटमेंट से जब ये पता चला कि 18 फरवरी को चंद्रिका के एटीएम कार्ड से 3 हजार रुपए निकाले गए हैं, तब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने ड्राइवर रमेश को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।

भाई की शादी के लिए मालिक के परिवार का कत्ल: एडीजी चौधरी ने बताया कि रमेश के भाई की 22 फरवरी को शादी थी, इसके लिए उसे रुपयों की सख्त जरूरत थी। लिहाजा, उसने यह साजिश रची। उन्होंने बताया कि रमेश ने चंद्रिका की हत्या के बाद लूटे गए रुपयों से भाई की शादी की बारात के लिए 9 हजार रुपए में बस की बुकिंग की और 3 हजार रुपए में बैंड। पूछताछ में रमेश ने खुद ये बात कबूल की है। रमेश का पुलिस रिमांड लिया गया है, पूछताछ चल रही है।

क्यों दिखाई जल्दबाजी----------
हफ्ते भर पहले चंद्रिका के अपहर्ताओं से संबंध बताने की जल्दबाजी क्यों दिखाई? : तब तथ्यों की पड़ताल क्यों नहीं की गई? : अपहरण के आरोपियों ने चंद्रिका की हत्या करना कबूल क्यों किया? : चंद्रिका के चरित्र हनन का जिम्मेदार कौन, उस पर क्या कार्रवाई होगी?

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