Thursday, February 24, 2011

बाबा रामदेव की हिचकोले खाती नैया


कांग्रेस ने योग गुरु बाबा रामदेव से पूछा कि उनके पास इतना काला धन कहाँ से आया तो बाबा के समर्थक कांग्रेस के बहुत खिलाफ हो गए. लेकिन इस से कांग्रेसी रण नीतिकार बिलकुल भी चिंतिंत नहीं है. उनका विश्वास है कि रामदेव के भक्त लोग वैसे भी बीजेपी के साथ हे पाये जाते हैं. अभी तीन दिन पहले बाबा ने कहा था कहा था कि उनके पास कोई काला धन नहीं है. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि कि एक हज़ार करोड़ रूपये से ज्यादा की जो संपत्ति बाबा के पास है वह कहाँ से आई. अब बाबा खामोश हो गए हैं. लगता है कि उन्हें सरकार की ताक़त से कुछ डर लगने लगा है.
पिछले दिनों बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ अभियान चलाया था. देशके कुछ और नामी लोगों के साथ मिलकर उन्होंने बीजेपी की राजनीति की तरफ देश को मोड़ने की कोशिश भी की थी लेकिन कांग्रेस ने सब गुड गोबर कर दिया. पता चला है कि सर्वोच्च स्तर पर कांग्रेस ने तय कर लिया है कि बीजेपी की रामदेव रण नीति को फेल करना ज़रूरी है. जब आम तौर्र पर उलटे सीधे बयान देने के लिए विख्यात कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बाबा की आमदनी के श्रोतों पर सवाल उठाया तो उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया लेकिन कई दिन हो चले हैं और कांग्रेस के किसी नेता ने दिग्विजय के बयानों का खंडन नहीं किया है. इस से लगता है कि रामदेव को एक्सपोज़ करने की रणनीति कांग्रेस ने राजनीतिक तौर पर लिया है. शायद इसीलिये पहले तीन दिन तक किसी भी जांच का सामना करने की शेखी बघारने के बाद बाबा बेचारे को औकात बोध हो गया है . शुरू में तो उन्हें उम्मीद थी कि जब उनके ऊपर राजनीतिक हमला होगा तो बीजेपी वाले संभाल लेगें लेकिन जब उन्हें बीजेपी की तरफ से कोई उत्साह वर्धक संकेत नहीं मिले तो वे घबडा गए हैं . और अब किसी तरह का बडबोला बयान नहीं दे रहे हैं. कांग्रेस ने कहा है कि “सरकार काले धन को लेकर गंभीर है और केंद्रीय वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं। बाबा रामदेव केवल कांग्रेस पर ही ध्यान लगाए हुए हैं। दूसरे दलों पर उनका ध्यान नहीं है। उन्हें विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होने वाली दान-दक्षिणा को सत्यापित करना चाहिए।”
जब सरकार की तरफ से इतना साफ़ बयान आ जाये तो कोई भी पूंजीपति घबडा जाएगा. बाबा तो बेचारे पिछले १० साल से पैसा देख रहे हैं. घाघ पूंजीपतियों वाले हथकंडे उन्हें नहीं आते. नतीजा यह हुआ कि अब वकीलों से राय सलाह कर रहे हैं और किसी तरह से जान बचाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. जहां तक बाबा की संपत्ति का सवाल है ,उसके बारे में साफ़ तौर पर कहा जा सकता है कि वे दुनिया के सबसे संपन्न बाबाओं में से एक हैं .एक नज़र उनकी संपत्ति पर डाल लेना ठीक होगा.
बाबा की संपत्ति के अंतर्गत पतंजलि योगपीठ, स्कॉटलैंड में रिट्रीट लैंड, धार्मिक टीवी चैनल में ट्रस्ट की हिस्सेदारी, दिव्य योग मंदिर, दिव्य फॉर्मेसी, कृपालु बाग, दिव्य योग आश्रम, पतंजलि योग विश्वविद्यालय, पतंजलि हर्बल, हर्बल वाटिका व आयुर्वेदिक चिकित्सा और अनुसंधान संस्थान हैं। बाबा रामदेव के मुताबिक उनकी इस संपत्ति की कीमत एक हजार करोड़ रुपए के करीब है।
हाल ही में बाबा रामदेव ने टेलीविजन चैनलों को विशेष इंटरव्‍यू में दावा किया था कि उनके पास कई राजनेताओं के खिलाफ पुख्‍ता सबूत हैं। उनके पास नेताओं के खिलाफ किए गए स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो हैं। आवाज़ की रिकॉर्डिंग हैं और ऐसे बहुत सारे सबूत हैं, जो भ्रष्‍ट नेताओं की पोल खोल सकते हैं। बाबा ने तब यह भी कहा था कि वो जल्‍द ही एक-एक कर खुलासे करेंगे। जहां तक देश की जनता का सवाल है उसे बाबा रामदेव के पिटारे के खुलने का इंतजार रहेगा लेकिन बाबा के ताज़ा रुख से लगता है कि वे औकात से ज्यादा बडबोलापन कर गए हैं और सत्ता का रथ उनको कुचल देने के लिए चल पड़ा है. ऐसी हालत में बीजेपी भी उनके साथ नहीं खडी होगी क्योंकि उसे पता नहीं है कि बाबा के आने से फायदा कितना होगा लेकिन अगर एक विवादित बाबा के साथ खड़े पाए गए तो नुकसान बहुत ज्यादा होगा.

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